ज्योतिष शास्त्र भ्रांतियाँ, सत्य, आध्यात्म या विज्ञान
क्या है ज्योतिष ? नमस्ते दोस्तों आज हम बात करने जा रहे एक विशेष शीर्षक पर जो है ज्योतिष शास्त्र क्या है? इसका जन्म कब हुआ ? क्या संबंध है इसका विज्ञान से ? कितना सटीक है ज्योतिष शास्त्र ? आध्यात्म और ज्योतिष में क्या संबंध है ?
ज्योतिष शास्त्र क्या है ?
शीर्षक देख कर ही समझ आ रहा होगा आज का विषय जितना रोचक है उतना ही गंभीर भी है। आप सभी की उत्सुकता और सवालो के बीच ज्योतिष शास्त्र का एक संक्षिप्त परिचय, ज्योतिष शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विद्या है जो ग्रहों, नक्षत्रों और अन्य तत्वों द्वारा मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को बताती है। पञ्चांग अथवा कैलेंडर भी इसी शास्त्र द्वारा बनाया जाता है। ऋतू ज्ञान या मौसम भी हमें इससे पता चलता है।
ज्योतिष शास्त्र का जन्म
ज्योतिष शास्त्र का जन्म भारत में हुआ। इसका वर्णन सनातनी पौराणिक सांस्कृतिक शास्त्रों और वेदों में भी मिलता है। यह समय के साथ विकसित हुआ। वैसे तो सभी वेदों में इसका वर्णन है, अथर्ववेद और ऋग्वेद में इसका विस्तृत वर्णन मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र का आध्यात्म और विज्ञान से संबंध
ज्योतिष शास्त्र का वर्णन वेदों और शास्त्रों में मिलता है। इसमें ग्रहों के प्रभावों को सही करने के लिए उनके स्वामी अर्थात देवो की पूजा मंत्रो और विधियों से करने की परंपरा रही है। जिसके कारण इसका सीधा संबंध आध्यात्म से है। वही ग्रहों नक्षत्रों और अन्य आकाशीय तत्वों अथवा भौतिक तत्वों के हमारे मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने के लिए गणित का प्रयोग किया जाता है। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा और दैनिक पञ्चांग (कलेंडर) की गणना भी ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत आती है जो विज्ञान का एक अंग माना जाता है। इस प्रक्रार ज्योतिष विज्ञान से भी समबन्ध रखता है।
कितना सटीक है ज्योतिष शास्त्र ?
ज्योतिष शास्त्र में न केवल जलवायु इसके द्वारा आयु और रोगों की भी गणना की जा सकती है। जिसकी गणना ज्योतिष में हजारों लाखों वर्षो से जा रही है। इसके द्वारा उन्ही आकड़ो और रोगों का पता किया जाता है जो आज के चिकित्सा विज्ञान से ज्ञात होता है। परन्तु कई ज्योतिर्विद ने अल्पज्ञान में इसे अनैतिक व्यापार का माध्यम बना कर इसमें भ्रांतियाँ उत्पन्न कर दी है, पर ये पुर्णतः सत्य और सटीक है।