Guru Purnima: A Day to Thank Our Teachers and Guides
गुरु पूर्णिमा: जो रास्ता दिखाएं, उन्हें धन्यवाद कहने का दिन
Imagine walking through life blindfolded—confused, uncertain, and searching for direction. Now imagine someone gently taking your hand, removing the blindfold, and showing you the path ahead with clarity and care. That someone is a guru—not just a teacher, but a guide who helps us see truth and purpose.
Every year, on the full moon day of Ashadha (usually June or July), we celebrate Guru Purnima, a special day to thank those who have shaped us with their knowledge, wisdom, and love.
कल्पना कीजिए कि आप एक अंधेरे रास्ते पर चल रहे हैं, जहां कुछ भी साफ़ नहीं दिख रहा। आप उलझन में हैं, डर है, और पता नहीं कि आगे क्या करना है। और तभी कोई आता है—आपका हाथ थामता है, रास्ता दिखाता है, और आपको आगे बढ़ने की हिम्मत देता है। वही व्यक्ति आपके जीवन का गुरु होता है।
हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को हम गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं—एक ऐसा दिन जो उन सभी लोगों के लिए समर्पित है जिन्होंने हमें सिखाया, सही रास्ता दिखाया, और एक बेहतर इंसान बनने में मदद की।
What Does “Guru” Mean?
The word "guru" comes from Sanskrit, meaning "one who removes darkness." Darkness here means ignorance or confusion. So a guru is someone who lights up our path with knowledge.
A guru isn’t just a spiritual teacher. It could be a parent, a school teacher, a friend, or anyone who helps us understand life better.
गुरु का अर्थ क्या है?
संस्कृत में "गुरु" का मतलब होता है – जो अंधकार को दूर करे। यहाँ अंधकार का मतलब है—अज्ञानता, भ्रम या गलतफहमी। गुरु वही होता है जो हमें ज्ञान की रोशनी देता है और जीवन को समझने में मदद करता है।
गुरु केवल अध्यापक नहीं होता। वह कोई भी हो सकता है—माता-पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक, बड़ा भाई या बहन, या फिर एक ऐसा दोस्त जिसने कठिन समय में आपका साथ दिया।
Why Do We Celebrate Guru Purnima?
Guru Purnima is celebrated on the full moon day of Ashadha.
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In Hinduism, it marks the birthday of Maharishi Ved Vyasa, the great sage who wrote the Mahabharata and compiled the Vedas.
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In Buddhism, it is the day when Gautama Buddha gave his first sermon after enlightenment.
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In Jainism, Lord Mahavira made his first disciple as Gautam swami on this day.
It is a day full of spiritual importance.
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
इस दिन का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत गहरा है:
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हिंदू धर्म में यह दिन महर्षि वेद व्यास जी की जयंती मानी जाती है। उन्होंने वेदों का संकलन किया और महाभारत जैसे महान ग्रंथ की रचना की। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
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बौद्ध धर्म में, यही दिन है जब गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद सारनाथ में अपने पहले पाँच शिष्यों को पहला उपदेश दिया था। यह बौद्ध धर्म के प्रचार की शुरुआत थी।
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जैन धर्म में, यह दिन उस घटना को दर्शाता है जब भगवान महावीर ने गौतम स्वामी को अपना पहला शिष्य बनाया।
इसलिए, गुरु पूर्णिमा केवल एक त्योहार नहीं बल्कि ज्ञान, श्रद्धा और कृतज्ञता का पर्व है।
How Do People Celebrate Guru Purnima?
On this day, people:
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Offer flowers, sweets, and prayers to their gurus.
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Attend temples or ashrams.
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Students thank their teachers with cards, speeches, or gifts.
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Some observe fasting or spend the day in meditation.
Even a simple “thank you” or remembering the guru in one’s heart is valuable.
गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है?
भारत और नेपाल, भूटान जैसे कई देशों में गुरु पूर्णिमा बहुत श्रद्धा से मनाई जाती है। कुछ आम परंपराएं इस प्रकार हैं:
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लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और मंदिर या आश्रम जाते हैं।
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अपने गुरु या अध्यापक को फूल, माला, मिठाई या एक साधारण "धन्यवाद" कहते हैं।
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कई लोग व्रत रखते हैं या दिन भर ध्यान, पाठ और प्रवचन में समय बिताते हैं।
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विद्यालयों और कॉलेजों में विद्यार्थी अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं – कार्ड, भाषण, या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से।
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कुछ लोग अपने पुराने गुरुओं को संदेश या कॉल करके धन्यवाद भी कहते हैं।
कई बार, सिर्फ दिल से किसी को याद करना भी बहुत होता है।
Who Can Be a Guru?
A guru can be anyone who teaches or guides us:
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A teacher in school,
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A parent,
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A friend,
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A coach, or even
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A book or life experience.
Guru Purnima reminds us to thank all these gurus.
आज के समय में गुरु कौन हो सकते हैं?
आज के आधुनिक समय में "गुरु" का मतलब सिर्फ आध्यात्मिक शिक्षक नहीं रह गया है। आज कोई भी व्यक्ति जो हमें सही दिशा दिखाए, हमारा मार्गदर्शन करे—वह हमारा गुरु है:
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स्कूल का एक अध्यापक,
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माता-पिता जो जीवन भर हमें सिखाते हैं,
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दोस्त जिसने मुश्किल समय में साथ दिया,
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कोच, काउंसलर, या यहां तक कि एक पुस्तक जिसने जीवन बदल दिया।
गुरु पूर्णिमा हमें याद दिलाती है कि हमारे जीवन में ऐसे लोग कितने महत्वपूर्ण होते हैं।
Why Is Guru Purnima Important Today?
We have access to lots of information today, but wisdom is rare. A guru helps us understand how to use knowledge in the right way.
Guru Purnima reminds us to pause, reflect, and thank those who helped us.
आज के समय में इसकी अहमियत
आज के समय में हमारे पास बहुत सारा "जानकारी" (Information) है—मोबाइल, इंटरनेट, किताबें। लेकिन बुद्धि और समझदारी वही सिखाता है जो हमारे अनुभवों से जोड़ता है—और वही होता है एक सच्चा गुरु।
गुरु पूर्णिमा हमें यह सोचने का मौका देती है कि हमने जो भी सीखा है, उसमें किसका योगदान है। और क्या हमने उन्हें धन्यवाद कहा है?
A Moment to Think
Think about someone who has been your guru—
- someone who helped you believe in yourself or stood by you in hard times. Have you thanked them?
Guru Purnima is the perfect day to do that, even if just in your heart.
एक पल सोचें—आपके जीवन में कौन गुरु है?
जरा सोचिए:
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वह शिक्षक, जिन्होंने आपको आत्मविश्वास दिया।
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वह दादी, जिन्होंने कहानियों में जीवन के मूल्य सिखाए।
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वह मित्र, जो आपके सबसे मुश्किल समय में आपके साथ खड़ा रहा।
क्या आपने कभी उन्हें धन्यवाद कहा?
गुरु पूर्णिमा वह दिन है जब हम उन्हें याद कर सकते हैं, शुक्रिया कह सकते हैं—even अगर वह अब हमारे साथ न हों।
Be Someone’s Guru
Guru Purnima is also a day to become a guru for others. Help, teach, guide, or simply be kind to someone who needs it.
अब आपकी बारी—किसी और के गुरु बनिए
गुरु पूर्णिमा सिर्फ धन्यवाद देने का नहीं, बल्कि गुरु बनने का अवसर भी है। आप भी किसी के जीवन में रौशनी ला सकते हैं:
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किसी को पढ़ाकर,
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सही सलाह देकर,
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या बस किसी का साथ देकर।
गुरु बनने के लिए बड़ी उपाधि या ज्ञान की जरूरत नहीं होती—जरूरत होती है बस सच्चे दिल और अच्छे इरादों की।
Conclusion: A Festival of Gratitude and Knowledge
Guru Purnima teaches us to be thankful and respectful to our teachers. We all learn from someone, and it’s important to share what we learn with others.
This Guru Purnima, let’s thank our gurus and promise to guide others too.
Happy Guru Purnima!
निष्कर्ष: आभार और ज्ञान का पर्व
गुरु पूर्णिमा एक ऐसा दिन है जो हमें कृतज्ञता, सम्मान और सेवा की याद दिलाता है। यह दिन हमें सिखाता है कि हम सब किसी न किसी से सीखते हैं, और हमें अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों के साथ भी बाँटना चाहिए।
तो इस गुरु पूर्णिमा पर—
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चलिए अपने गुरुओं को धन्यवाद कहते हैं,
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चलिए उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने हमें आगे बढ़ने में मदद की,
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और चलिए यह वादा करते हैं कि हम भी किसी की राह रोशन करेंगे।
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं!